Posts

Showing posts from September, 2017

"सपने देखने का हक़ सबका "

Image
मन  की  बात : चित्र  बोलते हैं : पंजाब  राज्य  कार्यालय  में  १-१५ सितम्बर  के  दौरान  आयोजित  हिंदी  पखवाड़े  में  मन  की  बात  प्रतियोगिता  आयोजित  की  गयी  थी।  जो  कविता  मैंने  वहाँ लिखी  उसी  को  यहाँ  प्रस्तुत  किया  है। "सपने देखने  का  हक़  सबका " पहला  पहलू : गरीब  लड़की का: इस  चित्र  में    सबसे  पहले  नज़र गयी  वह थी  एक  मासूम सी लड़की  नाम रखना चाहूंगी ज्योति ,   पीले वस्त्र  पहने  उम्र लगभग ४-५  वर्ष , साधारण से भी  कम  जीवन  व्यतीत  करती  लगती   ज्योति | यूँ तो आँगन  में ख़ुशी ख़ुशी पिता  की  गोद  में  है  लगती  बैठी  हुई , परन्तु   उसके चेहरे  और  आँखों  से  उसके  मन  की  उदासी  की  झलक  प्राप्त हुई | अपने समक्ष  सुन्दर  सी  फ्रॉक  पहने  लड़की  को जब  चिड़िया  को  दाना  खिलाते  हुए  देखा  ज्योति  ने , मन ही मन  खुद  को   उस  लड़की  से  विभिन्न  पाया , शायद  ईर्ष्या  के  भाव  को  महसूस  किआ  ज्योति  ने | उस  अमीर  लड़की के पहनावे , जूते , हाव भाव को गौर  से  देखते  हुए  आखिर  ज्योति  क्या सोच  रही  है ? इस छोटी सी उम्र में, खेलने कूदने के बचपन में ज